साल 2023 से 2027 के बीच फ़र्निचर के भविष्य कैसा होगा. इसपर INDIA FURNITURE CONCLAVE 2023 मेंफर्नीचर इंडस्ट्री से जुड़े दिग्गजों ने जमकर मंथन किया। इसमेंभारतीय फर्नीचर उद्योग में रुझानों, चुनौतियों और रणनीतियों पर भी खुलकर चर्चा हुई। 22 सितंबर, 2023 को प्रगति मैदान, नई दिल्ली में आयोजितमटेसिया 2023 एग्जिबिशन में IFC2023कॉन्क्लेव का आयोजन INDIA INTERIOR RETAILING (IIR) के मंच से किया गया, जिसमें कुल5 टॉपिकको शामिल किया गया। इसमेंमें पांच अलग-अलग पैनलसेशनका आयोजन किया गया, जिनमें से प्रत्येक उद्योग की वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाओं पर आधारितथा।
INDIA FURNITURE CONCLAVE 2023 की शुरुआत CenturyPlyboard(I) Ltdके Chairmanऔर एफआईपीपीआई (FIPPI) के अध्यक्ष मि.सज्जन भजनका ने की, इस दौरान इनके साथ मेरिनो इंडस्ट्रीज के प्रबंध निदेशक मि.प्रकाश लोहिया, एक्शन टेसा ग्रुप के अध्यक्ष मि.एन के अग्रवाल, आई डब्लू एस टी बैंगलोर के डायरेक्टर डॉ. एमपी सिंह, रुशील डेकोर लिमिटेड के चेयरमैन & मैनेजिंगडायरेक्टर मि. कृपेश जी ठक्करऔर आईआईआर, एफडीटी के संस्थापक मि. प्रगतद्विवेदी शामिल थे।
कार्यक्रम उद्घाटन केदौरानमि.सज्जनभजंका ने वुड पैनल इंडस्ट्री से जुडी कई महत्वपूर्ण पहलुओंपर प्रकाश डाला... जिसमें उन्होंने जोर देते हुए कहा कि
स्पेशल गेस्ट के रूप में आये मि. एन.के. अग्रवाल ने भवन निर्माण सामग्री उद्योग, विशेष रूप से लकड़ी आधारित उद्योग के सभी खिलाड़ियों को उसी स्थान पर एक साथ लाने के महत्व पर जोर दिया | उन्होंने तर्क दिया कि इससे प्रतिस्पर्धियों, विशेषकर चीन, को स्पष्ट संदेश गया कि भारत प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि ये सबसे बड़ी ख़ुशी की बात है कि करीब 15 साल पहले तक जहाँ भारत में एमडीएफ का प्रोडक्शन जहाँ ना के बराबर था, वहीँ वर्तमान में यह 50 times ज्यादा प्रोडक्शन होने लगा है।
इनका मानना है कि भारत की 140 करोड़ लोग अगर किसी चीज को चाह ले तो उसे हासिल कर सकते है, भारतियों के लिए कोई भी काम असंभव नहीं है। इनके मुताबिक़ वियतनाम, कोरिया, थाईलैंड और मलेशिया के अपने कोई कंजप्शन नहीं है। मगर, भारत ही एक एसा देश है जिसके पास अपना कंजप्शन है।
इसके बाद,मि.अशोक अग्रवाल ने विचार व्यक्त किया कि निर्माताओं को प्लाइवुड उद्योग में मानकीकरण शुरू करने के उद्देश्य से नए सुधारों को अपनाना चाहिए, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार के कार्य प्लाइवुड निर्माताओं के सर्वोत्तम हितों के अनुरूप थे। उन्होंने कहा कि आज हर Industrilist को अपने हिस्से का दिया जरुर जलानी चाहिए ना कि परिस्थितियों से घबराकर शान्ति से बैठ जाए। इन्होने ने कहा जितना बड़ा कंज्यूमर मार्किट भारत में है दुनिया में किसी के पास नहीं है।
आईएफसी यानी इंडियन फर्नीचर कॉन्क्लेव मेंपहला पैनल डिस्कशन का टॉपिक था "भारत में फर्नीचर का व्यवसाय 2023-2027", जिसमेंभारतीय फर्नीचर उद्योग की उभरती गतिशीलता पर गहराई से प्रकाश डाला गया। पैनालिस्टों में सौरभ जैन (सह-संस्थापक और सीईओ इंडिया ऑपरेशंस, लिवस्पेस), मधुसूदन लोहिया (निदेशक, मेरिनो ग्रुप), आंद्रे एकहोल्ट (एमडी, हेटिच इंडिया), डॉ. महेश (सीईओ, क्रिएटिसिटी), और मोहित बंसल (प्रमुख) शामिल रहे।
दुसरा पैनल डिस्कशन“WHYITALY – WHYCHINA”पर केंद्रित था, मतलबभारतीय फर्नीचर उद्योग को इटलीऔर चाइनाउत्पादों से प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। इसपैनल में मोडुलिनिया से भरत कावेडिया, गोपी टी (प्रबंध निदेशक, वुडटेक कंसल्टेंट्स), संथागौर (प्रिंसिपल आर्किटेक्ट, इनफिनिटी डिजाइन स्टूडियो), निशा मंघनानी (संस्थापक और सीईओ, एससीएएसए), और इंटीरियर डिजाइनर अमीत मीरपुरी (प्रिंसिपल, अमीत मीरपुरी डिजाइन स्टूडियो), इटालियन द्वारा अपनाई गई सफल रणनीतियों पर गहन चर्चा हुई।
तीसरा पैनल डिस्कशन "बड़े महानगरों और टियर 2 शहरों की उपभोक्ता मानसिकता"पर आधारित रहा। इसमें पैनालिस्ट के रूप मेबं बॉबी मुखर्जी (प्रिंसिपल, बॉबी मुखर्जी एंड एसोसिएट्स), अजीत भरतिया (क्रिस्टल फर्निटेक के सीईओ), थॉमस मार्कोस (निदेशक, अरिस्टो), तेजस टिंबाडिया (निदेशक, द कोलोसियम), और मुनींद्र पाल सिंह ( कुशमैन एंड वेकफील्ड इंडिया के रणनीतिक सलाहकार) मौजूद रहे | इसमेंकस्बों में उपभोक्ताओं की लगातार बढ़ती प्राथमिकताओं पर प्रकाश डाला गया । उनकी अंतर्दृष्टि ने उपभोक्ता अपेक्षाओं और बाजार को आकार देने वाली गतिशीलता की विस्तार में चर्चा की गई।
चौथा पैनल डिस्कशन “हाई-एंड आवासीय और वाणिज्यिक फर्नीचर की भव्य दुनिया” पर केंद्रित रहा। इसमेंअलहद गोरे (मैनेजिंग पार्टनर, बियॉन्ड डिज़ाइन आर्किटेक्ट्स), मनोज तोमर (संस्थापक और एमडी, एएफसी फ़र्निचर सॉल्यूशंस), ज़ैनब मुकादम (प्रमुख, भारत - डिज़ाइन और कार्यस्थल और परियोजना और विकास सेवाओं के निदेशक, कुशमैन एंड वेकफील्ड), आशीष जैन (सह-संस्थापक और निदेशक, स्पिन), और सपना अग्रवाल (संस्थापक और क्रिएटिव डायरेक्टर, एएनएसए आर्किटेक्चर एंड इंटीरियर्स) शामिल रही | सत्र का संचालन आरवी यूनिवर्सिटी में स्कूल ऑफ डिजाइन एंड इनोवेशन की डीन डॉ. अनुराधा चटर्जी ने किया।
जबकिइंडिया फर्नीचर कॉन्क्लेव कापांचवांपैनल डिस्कशन"एक सफल रिटेल इंटीरियर और फर्नीचर स्टोर कैसे चलाएं" पर आधारित रहा। इसमें पैनलिस्ट के रूप में डॉ. महेश एम (क्रिएसिटी के सीईओ), पंकज कुमार (मालिक, प्लाई महल), दिलीप राठी (प्रबंध निदेशक, एट्रेलक्स), और राजीव कुमार (सह-संस्थापक और सीईओ, शॉपरोस) शामिल हैं।
INDIA FURNITURE CONCLAVE 2023 (IFC) 2023 ने न केवल भारतीय फर्नीचर उद्योग की वर्तमान स्थिति का पता लगाने के लिए बल्कि इसके भविष्य की एक झलक प्रदान करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया। इस कार्यक्रम ने उपस्थित लोगों को भारत में फर्नीचर की लगातार विकसित हो रही दुनिया को समझने के लिए प्रेरित और सुसज्जित किया।
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