लोकल फॉर वोकल और मेक इन इंडिया की पहुँच अब अपने देश के बाहर विदेशों के बाज़ार में रफ़्तार पकड़ने लगी है। डोर पैनल हार्डवेयर और सेनेटरी के होलसेल बाज़ार में अपनी अलग पहचान रखने वाले दिल्ली के चावडी बाज़ार से देश के अन्य राज्यों सहित नेपाल, श्रीलंका और भूटान तक सप्लाई किया जाता है। यहाँ डोर पैनल हार्डवेयर और सेनेटरी के 15 सौ से ज्यादा छोटी बड़ी दुकाने हैं। यहाँ के लोकल मैन्युफैक्चरिंग के डिज़ाइनर डोर हैंडल्स की मांग सबसे ज्यादा है।
किसी भी घर की बाहरी सुन्दरता जहां उसके अन्दर की खूबसूरती उसमें व्यवस्थित इंटीरियर डिजाइनर सामानों पर निर्भर करती है, वहीँ घर के बाहरी फिनिशिंग उसके दरवाजे और खिडकियों से जुडी होती है। एक दरवाजे को कई तरह से फिनिशिंग टच दिया जा सकता है, मगर उसको आकर्षक बनाती है उसमे लगने वाले हैंडल्स, जिसके लिए बाज़ार में एक से बढ़कर एक डिज़ाइनर डोर हैंडल्स मौजूद है।
सौ साल से भी ज्यदा पुराना यह बाज़ार हार्डवेयर और सेनेटरी सामान के मामले में देश ही नहीं अपितु एशिया में सबसे बड़ा होलसेल बाज़ार की श्रेणी में आता है। यहाँ से देश के कई राज्यों में सामान सप्लाई होता है, जिसमें यूपी, बिहार, उड़ीसा, झारखण्ड, जम्मू एंड कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, पच्छिम बंगाल के अलावा दक्षिण भारत के कई राज्य शामिल है। इसके अलावा यहाँ से नेपाल, श्रीलंका और भूटान तक सामानों की सप्लाई होती है।
सचिन गुप्ता जो कि एक होलसेलर हैं, ने बताया कि इस बाज़ार से सबसे ज्यादा डोर पैनल हार्डवेयर की सप्लाई होती है, क्योकि यहाँ बिकने वाले डोर पैनल हार्डवेयर डिज़ाइनर होने के साथ साथ सस्ते भी होते है। इसमें हैंडल्स, हिंग्स, एलम (सिटकिनी), डोर लॉक और नॉब शामिल है। आयरन, जिंक, एलुमिनियम ब्रास और स्टेनलेस स्टील धातु से बने प्रोडक्ट के ऊपर एंटिक, क्रोम, रोज गोल्ड, इबने, कॉपर, गोल्डन, ब्लैक, ग्रे और ब्लू शाटन का कोटिंग होता है। इस बाज़ार में लगभग 60 से 70 फीसदी लोकल मैन्युफैक्चरिंग के आइटम्स और करीब 30 से 40 फीसदी तक ब्रांडेड सामान मिलेंगे।
इनके मुताबिक़ डोर पैनल हार्डवेयर में सबसे ज्यादा डोर हैंडल्स की डिमांड है। डोर हैंडल्स की यहाँ अनगिनत डिजाइन और वेरायटी हर समय उपलब्ध रहती है।इनकी माने तो इस बाज़ार में अन्य राज्यों से आने वाले छोटे – बड़े रिटेलर्स या डीलर्स प्रोडक्ट की डिजाईन और फिनिशिंग को देखते हैं, वो उन्हें ब्रांडेड कंपनी में मिले या फिर लोकल मैन्युफैक्चरिंग में इससे उनको कोई फर्क नहीं पड़ता। हांलाकि यहाँ से परचेजिंग करने वाले कंज्यूमर्स अधिकत्तर लोकल मैन्युफैक्चारिंग के सामान ही प्रिफेयर करते है, क्योकि उनका मानना है कि ब्रांडेड कंपनियों के सामान हर जगह आसानी से उपलब्ध हो जाते है। यहाँ के लोकल मैन्युफैक्चरिंग के डोर हैंडल्स में नए तकनीकि की अद्भुत कारीगरी देखने को मिलती है।
यहाँ के लोकल मैन्युफैक्चरिंग के होलसेल में स्टेनलेस स्टील के डोर हैंडल्स की कीमत करीब 10 रुपये से 5000 रुपये तक है। वाइट मैटल (जिंक) के बने डोर हैंडल्स की कीमत 50 रुपये से 3500 रुपये तक, ब्रास जिसे ओल्ड इज गोल्ड भी कहा जाता है इसकी कीमत 55 रुपये से 45,000 रुपये तक है, आयरन से बने डोर हैंडल्स की कीमत 8 रुपये से 20 रुपये तक है, वहीँ एल्मुनियम से बने डोर हैंडल्स की कीमत 8 रुपये से 3500 रुपये तक है।
कहते है इनकी कीमत उनके ऊपर होने वाले पोलिस और फिनिशिंग के हिसाब से तय की जाती है। इसमें सबसे महंगा रोज गोल्ड पोलिस के हैंडल्स की होती है, उसके बाद गोल्डन, एंटिक फिर ब्लैक और ग्रे कलर के पोलिस के हैंडल्स की होती है। होल सेलर्स की माने तो किसी भी शहर में डोर हैंडल्स की दूकान महज 10 हज़ार रुपये के सामान के साथ खोली जा सकती है।
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